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क्षणभंगुर अपने जीवन की बाती बना – बना कर बारो |
सबकुछ केवल राष्ट्र – धर्म का, राष्ट्र – धर्म पर जीवन वारो ||
चलो करोड़ो दीप जलाएँ,
इस मरघट में रौनक लाएँ |
हम धरती के टिम – टिम तारे –
महासूर्य को शौर्य दिखाएँ ||
रश्मिरथी हम ज्योतिपुत्र हैं, तमस म्लेच्छ को जम कर मारो |
क्षणभंगुर अपने जीवन की बाती बना – बना कर बारो ||
सतत प्रवाहित शाश्वत धारा,
युग आते जाते रहते हैं |
हम अक्षय अनंत जीवन हैं,
जो डरते हैं वे मरते हैं ||
छल – बल – कल केवल मात्राएँ, जीत लक्ष्य है कभी न हारो |
क्षणभंगुर अपने जीवन की बाती बना – बना कर बारो ||
इस कपाल गह्वर में जाने
कितने कापालिक रहते हैं |
महाभैरवी के प्राणों में –
महारुद्र बन कर जलते हैं ||
इनका केवल एक मंत्र है, घृणा कभी ना मन में धारो |
क्षणभंगुर अपने जीवन की बाती बना – बना कर बारो ||
राष्ट्रोत्सव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं | हर हर महादेव ||
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