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काफी दिनों से जागरण जंक्शन से दूर रहा|कभी तकनिकी समस्याओं के चलते तो कभी समय की अनुपलब्धता के चलते|अब मैंने पुख्ता इंतजामात कर लिए हैं|शक्तिपूजा के ही पर्व पर एक वर्ष पूर्व मैंने इस मंच को विदा कहा था|शक्ति पूजा के ही पर्व पर मैं पुनः एक नयी कांति के साथ इस मंच पर उपस्थित हूँ|तब भी ब्लॉगबाजी मेरा शौक था और अब भी ब्लॉग बाजी मेरा शगल है|इस बीच जागरण जंक्शन की ही तरह हमारे राष्ट्र ने भी काफी उथल पुथल झेले हैं और यह मंच सर्वदा इस उथल पुथल का साक्षी रहा है|
मेरे सभी पुराने साथी और जागरण जंक्शन भी मेरे नजरिये से प्रारम्भ से ही परिचित रहा है और मजे की बात तो यह है की इतना लंबा अरसा बीतने के बाद भी मेरे नजरिये में कोई अंतर नहीं आया है|मैं facebook पर काफी सक्रीय रहा हूँ|यह तो नहीं कह सकता की मैं वहाँ पर लोकप्रिय हूँ और मेरी मित्र संख्या लाखों में है किन्तु micro blogging cite होने के कारण वहाँ पर ब्लॉग्गिंग करना मेरे लिए मुफीद था|यह बुद्धिजीवियों का मंच है, किसी ने मेरे प्रतिरुद्ध यह बात कहा भी था|भाई मैं कोई बुद्धिजीवी नहीं और सरस्वती का उपासक होने के बावजूद अपने आपको बुद्धिजीवी कहलाना पसंद भी नहीं करता, लेकिन मन में कुछ मथता है|कुछ ऐसा जो बराबर चुभता रहता है|मैं यह नहीं जानता यह कौन सी वेदना है, कौन सी टीस है, कौन सी चुभन है जो मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही है लेकिन उन अनुभूतियों को शब्दों में पिरोने का एक अकिंचन प्रयास अवश्य करता हूँ|मैं मूलतः एक कवि हूँ, जिसे ठीक से type भी करना नहीं आता|बार बार transliteration की मदद लेनी पड़ती है|दायें हाँथ की तर्जनी न होती तो मैं शायद कुछ लिख भी न पाता|खैर अब यदि प्रारब्ध ने साथ दिया और मैं धकिया कर बाहर नहीं कर दिया गया तो मैं बराबर यहाँ पर मौजूद रहूँगा|
यह वाममार्गी चरम दक्षिणपंथी न तो पल्लू छोड़ेगा, न तो पहलू बदलेगा और न ही पीछे हटेगा ………….
राष्ट्र, धर्म, संस्कृति पर कोई समझौता स्वीकार नहीं है, भारत माँ के विद्रोही को जीने का अधिकार नहीं है|
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