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टर्र-टर्र बरसाती मेँढक

मनोज कुमार सिँह 'मयंक'
मनोज कुमार सिँह 'मयंक'
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टर्र-टर्र बरसाती मेँढक।
फुर्र-फुर्र उड़ गयी है चिड़ियाँ।
बर्र-बर्र तुम क्योँ करते हो?
यार मेरे बर्रै की माफिक।

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